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सरहंगों ने रोका आदिवासियों का रास्ता सीधी में जनदर्शन यात्रा के दौरान सीएम से की गई शिकायत।

सरहंगों ने रोका आदिवासियों का रास्ता सीधी में जनदर्शन यात्रा के दौरान सीएम से की गई शिकायत।

 

9893569393 विराट वसुंधरा ब्यूरो सीधी:-
करीब पांच दशक से निवासरत आदिवासियों की जमीन के रास्ता रोकने को लेकर आज आदिवासियों ने भारी संख्या में आकर मुख्यमंत्री से शिकायत किए हैं। शिकायती आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि उनके आम रास्ते को जेसीबी मशीन से खोदकर रास्ता बंद कर दिया गया है। अब आदिवासी अधिकार के लिए आरपार की लड़ाई लडऩे के लिए भी तैयार हैँ। यदि प्रशासन इस पर तत्काल पहल नहीं करती तो आदिवासियों ने कहा कि हमे रास्ता चाहिए इसके लिए हम जमीन में लेटकर भी रास्ते के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। शिकायती आवेदन में आधा सैकड़ा से ज्यादा पंचायत से शामिल हुए हैं। जिन्होने आरोप भी लगाया है कि हमने थाना प्रभारी बहरी एवं तहसीलदार को भी आवेदन दिए लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो पा रहा है। आदिवासियों के हितों के लिए मुख्यमंत्री ने कई योजनाएं चालू की है। ऐसे में सरहंग चाहे कोई भी हो रास्ता रोकना वह भी आम जनता के हितों के लिए है आदिवासियों के लिए रास्ता है मध्यप्रदेश शासन की भूमि में रास्ता रोककर जेसीबी मशीन से रास्ता बंद कराना कितना उचित है यह तो ग्राम पंचायत सोनतीर पटेहरा के ही आदिवासी भुगत रहे हैं। इस पंचायत की जनता परेशान है। सरहंग उनके रास्ते को रोक दिए हैं। यहां तक कि 30 अगस्त को गजरहा के निवासी भैयालाल सिंह,रघुराज सिंह, राहुल सिंह द्वारा मध्यप्रदेश की नल जल योजना को सम्पूर्ण पाईप लाइन सहित आदिवासियों की रोड जेसीबी से खोदकर बंद कर दिया गया है। आरआई द्वारा संबंधित सरहंगों से पैसा लेकर गलत ढंग से सीमांकन करने का भी आरोप लगाया गया है। करीब माह भर बीत गया है लेकिन रास्ता नहीं खुला। इस मामले में कही न कहीं राजस्व अमले की भी मिलीभगत मानी जा सकती है। पूरे मामले को लेकर विभागीय अमले की लापरवाही एवं आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय पर तमाम शिकायतें की जा चुकी है अब कोई अमल नहीं हो रहा है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर भाजपा नेता पप्पू गहरवार ने कहा कि सरकारी जमीन पर रास्ता रोकना पूर्ण रूप से गलत है। आदिवासी कई वर्षों से काविज हैं ऐसे में उनके रास्ते में जेसीबी मशीन से रास्ता खोदकर रोका जाना कादापि उचित नहीं माना जा सकता है। इसके लिए हम भी आदिवासियों के साथ खड़े हैं उनके अधिकार के लिए लड़ाई लडऩे के लिए हम तैयार हैं इसमें जो दोषी हैं उस पर कार्यवाही होनी चाहिए।

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